अरसा हुआ की अरसे बाद
शब् भर सोयी ये आँखे
कभी था तनहइयो का मौसम तो
कभी थी खाली खाली आँखे
थी कभी रुस्वइयो की रुत तो
तो कभी तडपाती थी बीती बाते
है ये सज़ा तुझे न रोकने की
की छिना सब मुझसे रब ने मेरे
छोड़ दी है हिस्से मेरे
ये सुनी गलिया ,
बेरंग एहसास सताता अतीत और तेरी यादे
पास है एक उदास धड़कता तनहा दिल और
खाली खाली दो आँखे
तडपाती है रात दिन अब तो
पल वो बीते हुए और सारी बीती वो बाते
"कुमार"
शब् भर सोयी ये आँखे
कभी था तनहइयो का मौसम तो
कभी थी खाली खाली आँखे
थी कभी रुस्वइयो की रुत तो
तो कभी तडपाती थी बीती बाते
है ये सज़ा तुझे न रोकने की
की छिना सब मुझसे रब ने मेरे
छोड़ दी है हिस्से मेरे
ये सुनी गलिया ,
बेरंग एहसास सताता अतीत और तेरी यादे
पास है एक उदास धड़कता तनहा दिल और
खाली खाली दो आँखे
तडपाती है रात दिन अब तो
पल वो बीते हुए और सारी बीती वो बाते
"कुमार"
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