TRANSLATE INTO

Thursday, November 10, 2011

चलो कुछ कसमे खाते है आज

चलो  कुछ  कसमे  खाते  है  आज 
कसमे  वादों  को  निभाने  की 
बिन  एक  दूजे  के  न  मुस्कुराने  की 
चलो  कुछ  कसमे  खाते  है  आज 

चलो  कुछ  रश्मे  भी  निभाते  है  आज
रश्मे  जो  ताउम्र  बाँध  के  रखेगी  हमे
इक  अटूट  दोस्ती  के  बंधन  में
चलो  दोस्ती   के  इक  मिशाल  को  जन्म  देते  है  आज

सारी  हदों  सारी  बंदिशों  को  ताक  पे  रख  देते  है  आज
दुनिया  वालो  की  उम्मीद  से  परे  इस  रिश्ते  को  ले  जाते  है  आज
और
अगर  किसी  पल  इनसब  को  छोर  के  जाना  चाहो  तो
बेशक  बेख़ौफ़  होकर  चले  जाना
हम  लांछन  न  लगायेंगे  तुमपर
न  रोकेंगे  हम  तुम्हे  आंसू  बहा  कर

बेशक  भूल  जाना  हमे  तुम  बस  इतना  याद  रखना

तुम  जब  आओगे  तो  महफूज़  मिलेंगे  तुम्हे  दोस्ती  के  किस्से  सरे
वो  पल  वो  ज़ज्बात  वो  एहसास  दोस्ती  की  अपनेपन  की
हम  दफना  देंगे  उन्हें  सीने  में  अपने
तेरी  अमानत  मान  के .....
                                                                आनंद  कुमार 

Followers