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Wednesday, June 2, 2010

aye naari.......

                       परिवार समाज और देश के वास्तविक शिल्पकार को आभार प्रकट    
                                                    करते हुए ये नज़्म पेश कर रहा हु|

                                                      उम्मीद है आपको पसंद आएगी! 



सृष्टि की सबसे उत्तम कृति
प्रकृति के सृजन का आधार है नारी,
अपने आँचल में समेटे ममता अपार
भगवान् का उपहार है नारी;
सहनशीलता की अद्भुत मूरत
हरसंभव त्याग करने को तैयार है नारी,
मर्यादा और लाज की प्रतिमूर्ति
भगवन का शास्वत प्यार है नारी;
अन्नपुर्णा के गुणों से युक्त
हर घर की सूत्रधार है नारी,
झुक गया है सर तेरे सजदे में
तुझको प्रणाम बारम्बार हे  नारी|

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